Sawan Vrat Katha : सावन में भगवान शिव की महिमा।
Sawan Vrat Katha : सावन का महीना आते ही हर तरफ भोले बाबा की गूंज सुनाई देने लगती है, हर कोई भोले बाबा के रंग मैं रंग जाता है। सावन का महीना भोले बाबा को बहुत पसंद है, सावन के महीने जो भी सच्चे मन से शिव जी की पूजा अर्चना करता है उसकी हर मुराद पूरी होती है।
Sawan Vrat Katha : सावन व्रत कथा 2023
Sawan Vrat Katha : एक समय की बात है, एक गांव में एक व्यक्ति जो भगवान शिव का पूजा-अर्चना किया करता था। वह बहुत ही धार्मिक और भगवान शिव को मानने वाला व्यक्ति था और सोमवार को विशेष उत्साह के साथ भगवान शिव का व्रत रखता था। उसके व्रत में वह पूरे दिन उपवास रखता था, ध्यान करता था और भगवान शिव का भजन करता था।
Sawan Vrat Katha : एक सोमवार, वह भगवान शिव की पूजा करने के लिए अपने गांव के शिव मंदिर गया। वह श्रद्धालु भक्ति भाव से शिवलिंग की पूजा करता था। उस दिन बहुत ज्यादा भक्त शिवलिंग के चारों ओर इकट्ठे हो गए थे। इसके कारण उसके व्रत का समाप्ति समय भी गुजर गया।
Sawan Vrat Katha : जब सारे भक्तों के सभी पूजा-अर्चना समाप्त हो गई और वह खुद की पूजा नहीं कर सका तो उसे आश्चर्य हुआ। उसने भगवान शिव से मन में क्षमा मांगी और भगवान शिव से कहा कि उसके शिवलिंग की पूजा करने का समय गुजर गया है, क्या उनके व्रत का फल नहीं मिलेगा।
भगवान शिव जिन्हें भोले बाबा भी कहते है,भोले बाबा अपने भक्तों को निराश नही करते है। उन्होंने प्रसन्नता से उसकी भक्ति को स्वीकार किया और कहा कि वह सच्चे नियत से व्रत किया है, इसलिए उसे उसके व्रत का फल अवश्य मिलेगा। भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया कि सोमवार के व्रत का फल अत्यंत पुण्यदायक होता है और उसकी सभी मनोकामनाएं सोमवार के व्रत से पूर्ण होगी।
इस प्रकार, सोमवार के व्रत से भक्त को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है उसकी भक्ति और विश्वास में वृद्धि होती है और जीवन को समृद्धि से भर देता है।
Swan Vrat Katha : सोमवारी व्रत कथा।
एक समय की बात है, एक गांव में एक व्यक्ति जो भगवान शिव का पूजा-अर्चना किया करता था। वह बहुत ही धार्मिक और भगवान शिव को मानने वाला व्यक्ति था और सोमवार को विशेष उत्साह के साथ भगवान शिव का व्रत रखता था। उसके व्रत में वह पूरे दिन उपवास रखता था, ध्यान करता था और भगवान शिव का भजन करता था।
एक सोमवार, वह भगवान शिव की पूजा करने के लिए अपने गांव के शिव मंदिर गया। वह श्रद्धालु भक्ति भाव से शिवलिंग की पूजा करता था। उस दिन बहुत ज्यादा भक्त शिवलिंग के चारों ओर इकट्ठे हो गए थे। इसके कारण उसके व्रत का समाप्ति समय भी गुजर गया।
जब सारे भक्तों के सभी पूजा-अर्चना समाप्त हो गई और वह खुद की पूजा नहीं कर सका तो उसे आश्चर्य हुआ। उसने भगवान शिव से मन में क्षमा मांगी और भगवान शिव से कहा कि उसके शिवलिंग की पूजा करने का समय गुजर गया है, क्या उनके व्रत का फल नहीं मिलेगा।
भगवान शिव जिन्हें भोले बाबा भी कहते है,भोले बाबा अपने भक्तों को निराश नही करते है। उन्होंने प्रसन्नता से उसकी भक्ति को स्वीकार किया और कहा कि वह सच्चे नियत से व्रत किया है, इसलिए उसे उसके व्रत का फल अवश्य मिलेगा। भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया कि सोमवार के व्रत का फल अत्यंत पुण्यदायक होता है और उसकी सभी मनोकामनाएं सोमवार के व्रत से पूर्ण होगी।
इस प्रकार, सोमवार के व्रत से भक्त को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है उसकी भक्ति और विश्वास में वृद्धि होती है और जीवन को समृद्धि से भर देता है।